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Monday, June 21, 2010

बिन पानी सब सून



साथियों आजकल पालम में हूँ। पानी की बड़ी समस्या है । जिस मकान में रह रहा हूँ ,उसमें ज्यादातर किरायेदार भारतीय वायुसेना से ताल्लुक ऱखते हैं। मकान मालिक ज्यादती पर उतर आया मसलन पानी भरने का मोटर खराब है , मकान मालिक की अपनी दलील है कि मंगलवार और शनिवार को लोहा से संबंधित किसी काम को अंजाम तक नहीं पहुचाया जा सकता । शनिवार बीत चुका है ,और आज मंगलवार है। इस ज्यादती के खिलाफ कोई कुछ नहीं कहने वाला, डिफेंस के लोग परिस्थिति से समझौता करना ,डिसीप्लीन समझते हैं, चाहे वह सही हो अथवा गलत।  होना भी चाहिए तभी तो सरकारें इनका मनोनुकुल इस्तेमाल करती हैं । शायद यही वजह है कि  दंतेवाड़ा में सरकार एक गरीब की हत्या दूसरे गरीब से करवा रही है ।



3 comments:

निर्मला कपिला said...

हम अन्याय के खिलाफ चुप रहते हैं तभी तो अन्यायकारी हर जगह अपनी मनमानी करने लगे हैं।

आचार्य उदय said...

सुन्दर लेख।

Raushan said...

मित्र समझौता,समाधान से होना चाहिए । अगर ऐसा नही होता कई समझौताओं के बाद भी भारत पाकिस्तान की ये हालत ना होती.....खैर लेख में एक संदेश है जो बहुत अच्छा है ।